आजकल हर जगह यही सुनने को मिलता है कि आधार कार्ड से तुरंत लोन मिल जाता है। लेकिन सवाल यह है कि क्या वाकई यह प्रक्रिया उतनी सरल है जितनी दिखाई जाती है? आइए इस पर नजर डालते हैं।
वास्तविकता क्या है?
हां, यह सच है कि आधार कार्ड के जरिए लोन मिल सकता है, लेकिन यह मतलब नहीं कि बस आधार कार्ड दिखाकर पैसे मिल जाएंगे। वित्तीय संस्थानों को आपकी आर्थिक स्थिति, वापसी की क्षमता और क्रेडिट हिस्ट्री देखनी पड़ती है।
आपको कुछ और चीजों की भी जरूरत होगी – जैसे पैन कार्ड, आय का प्रमाण, बैंक स्टेटमेंट। इसलिए “सिर्फ आधार कार्ड से लोन” वाली बात पूरी तरह सच नहीं है।
कौन दे रहा है लोन?
आजकल कई कंपनियां इस तरह की सेवा दे रही हैं। बड़े बैंकों से लेकर छोटी फिनटेक कंपनियों तक, सभी आधार आधारित लोन की सुविधा देते हैं। लेकिन ध्यान रखिए, हर कंपनी के अपने नियम-कानून होते हैं।
सरकारी योजनाओं की बात करें तो प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम जैसी स्कीमें हैं जो व्यापार शुरू करने के लिए पैसा देती हैं। इनमें सब्सिडी भी मिलती है, जो काफी फायदेमंद है।
कितना मिल सकता है?
अलग-अलग संस्थानों में अलग-अलग राशि मिलती है। कुछ में 10,000 रुपए से शुरुआत होती है तो कुछ में लाखों तक का लोन मिल सकता है। यह आपकी सैलरी, क्रेडिट स्कोर और वापसी की क्षमता पर निर्भर करता है।
व्यापारिक लोन की बात करें तो सरकारी योजनाओं में अच्छी खासी राशि मिल सकती है, खासकर अगर आप पहली बार कोई धंधा शुरू कर रहे हैं।
प्रक्रिया कैसी है?
आजकल सब कुछ ऑनलाइन हो गया है। मोबाइल ऐप डाउनलोड करो, फॉर्म भरो, दस्तावेज अपलोड करो और इंतजार करो। कुछ कंपनियां कहती हैं कि 5 मिनट में लोन मिल जाएगा, लेकिन व्यावहारिक रूप से इसमें कुछ घंटे या दिन लग सकते हैं।
सरकारी योजनाओं में थोड़ा ज्यादा समय लगता है क्योंकि वहां प्रशिक्षण भी देना पड़ता है और कुछ औपचारिकताएं पूरी करनी होती हैं।
लोन लेना आसान हो गया है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि बिना सोचे-समझे कोई भी लोन ले लें। ब्याज दरें अक्सर काफी ऊंची होती हैं, खासकर तत्काल लोन में।
कुछ कंपनियां छुपी हुई फीस भी लगाती हैं जिसके बारे में शुरुआत में पता नहीं चलता। इसलिए कोई भी लोन लेने से पहले सारी शर्तें अच्छी तरह पढ़ लें।
आधार कार्ड से लोन मिलना अच्छी बात है, खासकर जरूरत के समय। लेकिन हमेशा याद रखें कि लिया गया पैसा वापस करना होगा। अपनी वापसी की क्षमता के अनुसार ही लोन लें।
अगर व्यापार के लिए पैसा चाहिए तो सरकारी योजनाओं को प्राथमिकता दें क्योंकि वहां ब्याज दरें कम होती हैं और सब्सिडी भी मिलती है।
समझदारी यही है कि विकल्पों की तुलना करें, शर्तों को समझें और फिर फैसला लें। आखिरकार, आपकी मेहनत की कमाई का मामला है।
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